Singh sahayata samuh 2024 । स्वयं सहायता समूह 2024
SHG यानि self help group कुछ सामान आय वर्ग के ऐसे लोग का एक समूह होता है। जो किसी विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाए जाते हैं
Singh sahayata samuh 2024 । स्वयं सहायता समूह 2024
SHG यानि self help group कुछ सामान आय वर्ग के ऐसे लोग का एक समूह होता है। जो किसी विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाए जाते हैं। यह छोटे-छोटे समूह आपस में एक दूसरे की सहायता के लिए ही बनाए जाते हैं। समूह में सभी सदस्य अपनी मर्जी से शामिल हो सकते हैं। यह किसी अन्य के ऊपर निर्भर नहीं रहते हैं बल्कि यह अपनी सहायता स्वयं करते हैं। जैसे कि इनका नाम है स्वयं सहायता यानी जो अपनी सहायता खुद से कर सकते हैं। इस प्रकार के समूह को 10 से 20 सदस्य होते हैं यह सभी सदस्य सुरक्षा से इसमें शामिल हो सकते हैं।
इसमें चुने हुए सभी सदस्य एक समान आय वर्ग के होते हैं। महिलाएं स्वयं सहायता समूह में महिलाओं को शामिल किया जाता है। इसमें सभी सदस्यों द्वारा मासिक आधार पर एक बराबर राशि तय की जाती है । जिससे पदाधिकारी के पास जमा को अपने रजिस्टर में दर्ज करते हैं उसके बाद उसे बचत को अपने नजदीकी बैंक में जमा करते हैं। जहां उन्होंने समूह के नाम से बचत खाता खोल हुआ रहता है। बचत खाते का संचालन समूह के पदाधिकारी द्वारा किया जाता है।
समूह के किसी भी तीन सदस्य को पदाधिकारी नियुक्त किया जाता है। जो समूह का संचालन करता है किसी भी लेनदेन का बुरा रखते हैं बैंक द्वारा कम ब्याज दर पर लोन भी लिया जाता है। आज के इस पोस्ट में हम आपको स्वयं सहायता समूह की पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक देने वाले हैं। अगर आप भी इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो आप हमारे पोस्ट में लास्ट तक बने रहें।
स्वयं सहायता समूह
आपस में अपनापन रखने वाले एक समान अति सूक्ष्म व्यवसाय एवं उद्यम चलने वाले गरीब लोगों का एक ऐसा समूह है। जो अपनी आमदनी से सुविधाजनक तरीके से थोड़े थोड़े बचत करते हैं जमा इस छोटी छोटी बचत को समूह के समय ठंड में जमा करते हैं । और उसे समूह के ही सदस्य को उनकी जरूरत के हिसाब से समूह की सर तो एवं कई ब्याज अवधि पर बियर जाने के लिए आपस में सहमत होते हैं । यानी समूह के सदस्य अपनी आमदनी का कुछ इस हर एक महीना यार सकता समूह में जमा करते हैं । जमा राशि में से जरूरतमंद सदस्य को समूह की शर्तों पर लोन दिया जाता है।
स्वयं सहायता समूह के उद्देश्य
सरकार द्वारा ग्रामीण भारत के ऐसे गरीब लोगों का उद्धार करना है । जो अपनी गरीबी मिटाने के लिए एक मजबूत इच्छा शक्ति रखते हैं । जिसके अंदर कुछ कर दिखाने के लिए भरपूर क्षमता होती है और वह अपनी क्षमता के अनुसार आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण नहीं दिखा पाते हैं । उसके लिए स्वयं सहायता समूह बहुत ही फायदेमंद होती है।
सरकार चाहती है। कि ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीण समाज की गरीब महिलाएं व परिवार अपने जीवन स्तर में सुधार के साथ-साथ उसमें सामाजिक एकजुट की भावना को जागृत हो। इसके अलावा वह एक मजबूत संगठन के रूप में विकसित हो उनकी वास्तविक क्षमता को उनके जागृत करना है।
महिलाओं में जागरूकता फैलाना उनकी स्किल का विकास करना महिला सशक्तिकरण को मजबूत करना इत्यादि सभी उद्देश्य में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से पूरे किए जा सकते हैं।
ग्रामीण गरीब परिवारों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराना जिससे उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
स्वयं सहायता समूह के नियम
समूह कम से कम 6 महीने से सक्रिय रूप से संचालित होना चाहिए।
स्वयं सहायता समूह के सदस्य द्वारा समूह में निरंतर मासिक बचत अपने पास उपलब्ध संसाधनों से जमा की हो।
खाते का पूरा लेखा-जोखा रखा गया हो किसी भी सदस्य को दिया गया लौंडिया जमा की गई मासिक बचत राशि का पूरा बुरा एक रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए।
समूह द्वारा अपने पास जमर राशि से सदस्यों को लोन दिया हो।
समय-समय पर साप्ताहिक या मासिक आधार पर बैठक की जा रहे हो जिसका विवरण मीटिंग रजिस्टर में दर्ज होनी चाहिए।
समूह में लोकतांत्रिक तरीके से कम हो रहे हो सभी सदस्यों की सहभागिता रही हो एवं सभी की बात भी सुनी जा रही हो।
समूह का उद्देश्य एक दूसरे की मदद करना व स्वरोजगार का होना चाहिए ना कि बैंक से केवल लोन लेने के लिए बना हो।
बैंक द्वारा लोन देने के समय इन सभी बातों को बारीक कैसे देखा जाता है । बैंक अधिकारी शाखा प्रबंधक इस बात से संतुष्ट हो कि समूह का उद्देश्य वास्तविक रोजगार व एक दूसरे की सहायता करना है। बैंक लोन आवेदन फार्म पर एक रेटिंग टेबल होती है उसमें उन्हें एक निश्चित नंबर प्राप्त होने पर ही लोन के लिए पत्र होता है।
सभी सदस्य एक हित एवं पृष्ठभूमि के होना चाहिए यानी सभी सदस्य जो भी सूक्ष्म व्यवसाय कर रहे हैं उसे ग्रुप में एक ही व्यवसाय से संबंधित होना चाहिए।
स्वयं सहायता समूह का सदस्य बनने के लिए महत्वपूर्ण बातें
समूह में अति गरीब व गरीब महिलाएं या गरीब रेखा से नीचे परिवार की महिलाओं को इसमें शामिल किया जाता है।
समूह में शामिल होने वाली महिलाओं की उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए शामिल सदस्य महिलाओं को स्वयं सहायता समूह हेतु चिन्हित होना चाहिए।
समूह के सदस्य द्वारा प्रत्येक महीना कुछ राशि जमा की जाती है इसलिए इसके लिए ऐसे सदस्यों का होना जरूरी है जो समूह सदस्यों की सहमति से निर्धारित न्यूनतम राशि जमा करने में सक्षम होनी चाहिए जिससे वह मासिक अंशदान कर सके।
स्वयं सहायता समूह के लिए ऐसी महिलाओं को शामिल किया जाएगा जो जरूरत पड़ने पर सामूहिक काम करने के लिए इच्छुक हो।
शामिल Mahila Sadshy को समय-समय पर होने वाली समूह की बैठक में शामिल होने के लिए समय देना चाहिए।
समूह में 10 से 20 महिलाएं का सदस्य होनी चाहिए।
समूह की नियमित बैठक
सदस्यों को जमा हेतु साप्ताहिक Bachat Rashi निर्धारित करना
साप्ताहिक बैठक के लिए समय तय करना एवं कहा आयोजित होगी उसके लिए स्थान का भी चुनाव करना।
संगठन व सामूहिक काम करने के लिए पहल करना।
समूह द्वारा सामूहिक निर्णय लेना एवं उसके बाद उसे पर अमल भी लाना।
समूह के संचालन हेतु नियुक्त पदाधिकारी
NRLM group बनने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह रहता है कि इसको चलाएगा कौन यानी इसका संचालन कौन करेगा इसी काम को करने के लिए समूह सदस्यों में से तीन पदाधिकारी का चुनाव किया जाता है जिसमें अध्यक्ष कोषाध्यक्ष एवं सचिव होते हैं।
अध्यक्ष का काम समूह का संचालन करना होता है । सचिन का समूह के सभी काम को लिखा रखना कोषाध्यक्ष का कम पैसे से संबंधित लेनदेन का हिसाब रखना कोषाध्यक्ष का होता है। इसके अलावा सरकार द्वारा हर एक गांव के लिए स्वयं सहायता समूह का चयन भी किया जाता है जिनका काम समूह का गठन करना है। शुरुआत समय में गांव में जागरूकता कैंप लगाना इत्यादि का होता है।